स्काउट / गाइड का प्रशिक्षण प्राप्त करना मेरे लिए एक रोमांचकारी अनुभाव से कम नहीं था | प्रशिक्षण पूर्ण करने पर ऐसा एहसास होने लगा जैसे मेरी कल्पना को उड़ान मिल गई हो और मै उन ऊँचाइयों को छूने लगी जिसका एहसास होते ही स्वयं पर गर्व महसूस होता है और अब मै थी ‘गाइड कैप्टन पारस’ |
मेरा प्रशिक्षण ७ मई २०१८ से १३ मई २०१८ तक ‘बेसिक गाइड कैप्टन’ रामबाग भोर पुणे में था| प्रशिक्षण के दौरान हमें शिवर में रहने का अनुभव प्राप्त हुआ| प्रशिक्षण काल सुबह ५:३० बजे से शुरू होता, सुबह प्रार्थना गीत, व्यायाम से प्रारंभ होता था| ध्वज वंदन का अभ्यास, तंबू बनाना और सिखाए गए कौशल्य के आधार पर उसकी सजावट करना, प्रथमोपचार, पर्यावरण सुरक्षा, अनुशासन, देश भक्ति की भावना का विकास, पर्यावरण मै मौजूद साधनों का उपयोग कर जीवन जीने के तरीके ढूंढना| इस दौरान सीखने की लगन, उत्साह और जोश ने मेरी उम्र सीमा भुला दी थी|
स्काउट / गाइड का उद्देश्य है देश के लिए अच्छे नागरिक तैयार करना, उनमे सेवा भाव उत्पन्न करना, हर परिस्थिति का सामना करने के लिये तैयार रहना आत्मनिर्भरता, अनुशासन की भावना, पर्यावरण से तालमेल बनाए रखना| प्रशिक्षण के माध्यम से छात्रों में ऐसे जीवन कौशल्यों का निर्माण करना जिससे वे आत्मनिर्भर बने और देश सेवा के लिए सदैव तैयार रहे |
मेरे बेसिक प्रशिक्षण के उपरांत अब मेरा लक्ष्य है विद्यार्थियों में अनुशासन, आत्मनिर्भरता और सेवाभावना का विकास करना और उन्हें विभिन्न के प्रशिक्षण के पश्चात ‘राष्ट्रपति पुरस्कार’ प्राप्त करने के लिए तैयार करना |
गाइड कॅप्टन
पारस अहिरवार